38 views
"सबसे बडी योद्धा माँ”
आज बताऊँ मैं एक दर्द,
कापे जिससे दुनिया का मन,
ऐसी कोई बात नहीं,
कि दुनिया को इसकी पहचान नहीं ll
दर्द का कोई नाम नहीं ,
दर्द का कोई माप नहीं ,
जिसने उस दर्द को सहा ,
उसका छोटा नाम नहीं ll
फाड़ गुहा उदर का जिसने,
मुझको जन्म दिया हैंl
यही वो वैसा दर्द है जिसने ,
मातृत्व का सुन्दर नाम लिया हैll
ये वो वैसा दर्द नहीं,
पृथ्वी जिसे सह सकती हैं l
सहते-सहते पृथ्वी भी,
एक दिन ज्वाला उगलती है ll
माँ ही वैसी भगवान है ,
जो सबकुछ चुपकर सहती है,
ममता की मूर्ति बनकर ,
कभी न ज्वाला उगलती हैं ll
जान हथेली पर रखकर ,
बच्चे को जन्म देती हैं l
एसी दर्द सहने की क्षमता ,
पृथ्वी में भी नहीं है ll
Related Stories
35 Likes
11
Comments
35 Likes
11
Comments