ओझल आँखें
गिरता है मन थकता हूँ मैं
चलती साँसों को लेकर मरता हूँ मैं,
कुछ हासिल नहीं है सब लुट ही गया है
फिर क्या बचा है जिसे खोने से डरता हूँ मैं,
महफिल जमी है खुशी मिलती नहीं है
अब अकेले ही खुद से बातें करता हूँ मैं,...
चलती साँसों को लेकर मरता हूँ मैं,
कुछ हासिल नहीं है सब लुट ही गया है
फिर क्या बचा है जिसे खोने से डरता हूँ मैं,
महफिल जमी है खुशी मिलती नहीं है
अब अकेले ही खुद से बातें करता हूँ मैं,...