काश !
काश!
कुछ यूं होता तो अच्छा होता, मैं तुझसे बातें ना करता तो अच्छा होता,
मोहब्बत तो छोड़ अब अपनी दोस्ती भी नहीं रहीं,
यार! तू मेरे लिए अजनबी रहता तो अच्छा होता,
यूंही तेरे झलावो में कैद कर लिया ख़ुदको,
रजत तू आज़ाद...
कुछ यूं होता तो अच्छा होता, मैं तुझसे बातें ना करता तो अच्छा होता,
मोहब्बत तो छोड़ अब अपनी दोस्ती भी नहीं रहीं,
यार! तू मेरे लिए अजनबी रहता तो अच्छा होता,
यूंही तेरे झलावो में कैद कर लिया ख़ुदको,
रजत तू आज़ाद...