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जब तक मैं जिंदा हूं तुम मुझे मौत के घाट उतार कर श्रद्धांजलि नहीं दे सकते
यह मैं हूं निकिता कौर, हम् ने अपनें आप को झुकना या झुक कर चलना एसि ट्रनिंग हमने अपनें आप को नही दिए है हमेशा हमने अपने आप को यह सीखाया है की किसी व्यक्ति के सामने आपने आप को ज्यादा झुका देना तो धीरे धीरे अपने आप को उनकी कंट्रोल में दाल ने के बाराबर हैं , कभी भी अपनें ज़िंदगी कों दुसरो के कंट्रोल मैं मत किजिये याद् रखे अगर झुक जाते हैं तो उनकि जित अगर हम उन्हे झूका दे तो हमारी जित , मैंने अपने लिए यह सीखा है कि किसी व्यक्ति के सामने ज्यादा झुकना नहीं चाहिए, वह हमेशा हमें अपना रंग दिखायेगे और हम फिर भी विनम्र और चुप रहकर अपनें सारे तकलीफ कों हमारी आँखों से बेहती उन आंसु ओ के सात् कियों हम अपने आप को कंबल के नीचे रख कर विनम्र बने रहें , नही ,कोई भि क्यो ना हो अपने आप को इतना विनम्र मत बनाओ ,कि लोग तूमको कंबल के नीचे सूलाकर ,और आपके भविष्य का श्रद्धांजलि दे-दे ,