मुकद्दर साथ।
गिरे पड़े हो कोशिश तो करो खड़े होने की,
कोई नहीं मानेगा बात तेरे डरे होने की,
हौसला दे रहा है जो वो तुम्हे हाथ भी देगा।
•तुम शुरु तो करो यार, मुकद्दर साथ भी देगा।
जो मुकम्मल दिख रहे हैं वो भी अधूरे...
कोई नहीं मानेगा बात तेरे डरे होने की,
हौसला दे रहा है जो वो तुम्हे हाथ भी देगा।
•तुम शुरु तो करो यार, मुकद्दर साथ भी देगा।
जो मुकम्मल दिख रहे हैं वो भी अधूरे...