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दुनिया और हम
#रहने-दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
हम ने खुद को कभी समझा ही नहीं
लोगो ने जो समझा, उन्हें समझना दिया
थक गए थे हम झूठे रिश्ते निभाते निभाते
इसलिए, कुछ रिश्तों को हमने बिखरने दिया
बस पाना था हमें खुद को
इस दुनिया की भीड़ से हटकर
तो तोड़ के सारे बन्धन इस खोखली दुनिया के
खुद के कदमों को हमने बढ़ने दिया।।
© Deepali gangwar
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
हम ने खुद को कभी समझा ही नहीं
लोगो ने जो समझा, उन्हें समझना दिया
थक गए थे हम झूठे रिश्ते निभाते निभाते
इसलिए, कुछ रिश्तों को हमने बिखरने दिया
बस पाना था हमें खुद को
इस दुनिया की भीड़ से हटकर
तो तोड़ के सारे बन्धन इस खोखली दुनिया के
खुद के कदमों को हमने बढ़ने दिया।।
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