...

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नक़ली किरदार
कई मुखौटे पहनकर
अगणित किरदार बनाते हो तुम
ग़लत मंसूबा छुपाकर
परवाह का दिखावा करते हो तुम

शब्दों से मीठे बनकर
कैसे धोखेबाज़ धड़कन छुपाते हो तुम
हँसकर बेवजह...