जऱा जिंदा दिखाई दिजिए....
जिंदा अगर हैं सच़ में
तो जऱा जिंदा दिखाई दिजिए....
वक्त की जरुरत वा
दिल़ की इल्तिजा कहिये
ज़िंदगी आपकी है ज़नाब
बस़!जी लिजिए
यों तो पेट भरने को बेजार
रहते हैं जगत में बहुतेरे
कौन किसका अपराधी है
बताते हैं भाग्य के फेरे
बात कुछ भी नहीं
बस हर हाल ओ हालात के
साथ चलना सीख...
तो जऱा जिंदा दिखाई दिजिए....
वक्त की जरुरत वा
दिल़ की इल्तिजा कहिये
ज़िंदगी आपकी है ज़नाब
बस़!जी लिजिए
यों तो पेट भरने को बेजार
रहते हैं जगत में बहुतेरे
कौन किसका अपराधी है
बताते हैं भाग्य के फेरे
बात कुछ भी नहीं
बस हर हाल ओ हालात के
साथ चलना सीख...