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मैं तुम्हें याद नहीं करता बस तुम याद आ जाती हो
मैं तुम्हें याद नहीं करता
बस तुम याद आ जाती हो,,,
सुबह उठ देखूं जब अपनी हथेली
तुम हाथों में मुस्कुराती हो,,,
लिखने लगूं जब अहसास अपने
तुम अल्फ़ाजो में समा जाती हो,,,
पलकें मूंद कर जरा सोचूं कुछ
तुम ख़यालों में बतियाती हो,,,
तन्हाई में जब रोते दर्द मेरे
तुम आके गले लगाती हो।
बस तुम याद आ जाती हो,,,
सुबह उठ देखूं जब अपनी हथेली
तुम हाथों में मुस्कुराती हो,,,
लिखने लगूं जब अहसास अपने
तुम अल्फ़ाजो में समा जाती हो,,,
पलकें मूंद कर जरा सोचूं कुछ
तुम ख़यालों में बतियाती हो,,,
तन्हाई में जब रोते दर्द मेरे
तुम आके गले लगाती हो।
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