खाली कुर्सियों की आवाजें😢
#अनुपस्थितगूँज
खाली कुर्सियां बोलती नहीं,
पर चुप्पी में भी सब कुछ कह जाती हैं।
जो यहां बैठा करते थे,
उनके होने का एहसास अब भी बाकी है।
उनके कदमों की आहट
कहीं गुम हो गई है,
पर दीवारों में उनकी आवाजों की
हल्की फुसफुसाहट आज भी गूंजती है।
चाय का वो खाली कप, जो कभी भरा रहता था,
जिसके हैंडल पर उनके हाथों...
खाली कुर्सियां बोलती नहीं,
पर चुप्पी में भी सब कुछ कह जाती हैं।
जो यहां बैठा करते थे,
उनके होने का एहसास अब भी बाकी है।
उनके कदमों की आहट
कहीं गुम हो गई है,
पर दीवारों में उनकी आवाजों की
हल्की फुसफुसाहट आज भी गूंजती है।
चाय का वो खाली कप, जो कभी भरा रहता था,
जिसके हैंडल पर उनके हाथों...