आसमानी बातें
नन्हा गोलू मम्मी से बोला-
जो बताई थी आपने मुझे,
चाँद तारों की बातें |
जगमगाते थे रात भर नभ में,
लेकर सब बारातें ||
और मौसी के साथ मिल आप
गिना करती तारों को |
विज्ञान की पुस्तक लें हाथ में,
ढूढ़ा करती कुछ आकारों को |
क्या सच में देखा हैँ आपने,
तारों का समूह सप्तर्षी |
क्या आसमान में स्थिर हैँ,
कथाओं के वो सात महर्षि |
देखा हैँ कभी भोर का तारा,
सच में अपनी आँखों से |
या सिर्फ बहलाती हो हमको,
अपनी मीठी बातों से |
देखा हैँ क्या मंगल ग्रह को,
लालिमा लिए नीले...
जो बताई थी आपने मुझे,
चाँद तारों की बातें |
जगमगाते थे रात भर नभ में,
लेकर सब बारातें ||
और मौसी के साथ मिल आप
गिना करती तारों को |
विज्ञान की पुस्तक लें हाथ में,
ढूढ़ा करती कुछ आकारों को |
क्या सच में देखा हैँ आपने,
तारों का समूह सप्तर्षी |
क्या आसमान में स्थिर हैँ,
कथाओं के वो सात महर्षि |
देखा हैँ कभी भोर का तारा,
सच में अपनी आँखों से |
या सिर्फ बहलाती हो हमको,
अपनी मीठी बातों से |
देखा हैँ क्या मंगल ग्रह को,
लालिमा लिए नीले...