...

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बदलते लोग... तोड़ते दिल..
वक्त के साथ जाने क्यों बदल जाते हैं लोग,
पहले बनाते हैं अपना,फिर मुकर जाते हैं लोग,
लाड,दुलार,प्यार,सबकुछ जताते हैं पहले पहल,
फिर हमें बनाकर अजनबी बिछड़ जाते हैं लोग।

जो कहते हैं.. हम कभी तुम्हारा साथ ना छोड़ेंगे,
चलेंगे संग-संग संकरे रास्तों पर ये हाथ ना छोड़ेंगे,
जो दिखाते हैं सपने कि ये जिंदगी खुशहाल होगी,
राहों की मुश्किलों से निकल,मंजिल कमाल होगी।

जो कभी चाहते होते हैं हमें हर हद से भी ज्यादा,
जो ऊंचा उठा देते हैं हमें हमारे कद से भी ज्यादा,
फिर वही एक दिन पैर-धूल क्यों समझने लगते हैं,
दिल में रखके,फिर दिल से दूर क्यों करने लगते हैं।

बातें होती ही नहीं हैं,भावभंगिमाएं चुभने लगती हैं,
आँखें रोती हैं इतना कि लाल होके दुखने लगती हैं,
झर-झर झरते ये झरने थमने का नाम नहीं लेते हैं,
दिल में उमड़ते हैं तूफ़ा,रुकने का नाम नहीं लेते हैं।

हंसते खेलते सदन में उदासी रहने लगती हैं...
खिलखिलाते मन में मायूस नदियां बहने लगती हैं,
सावन में ही जीवन पतझड़ सा लगने लगता है,
दिल की मीठी जमीं पर खारा समंदर बहने लगता है।

काश कि वो उतना प्यार दिखाया ना गया होता,
वो इश्क,मुहब्बत, इज्जत जताया ना गया होता,
तो शायद इस दर्द से तकलीफ थोड़ी कम होती,
हम तुम्हारे हैं कभी ये बात बताया ना गया होता।

#आकांक्षा_मगन_सरस्वती🖊️
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#सरस्वती

© ~ आकांक्षा मगन “सरस्वती”