चंद्रमुखी
इक राग पर रागिन दीवानी हुई,
तेरी मेरी ये प्रीति जुबानी हुई।
जमाने ने ढाहे कितने सितम-दर-सितम,
जब से बैरन हमारी जवानी हुई।
चाय पर चर्चा हमसे वे करते रहे,
प्याली की भी अपनी एक कहानी हुई।
मधुशाला की पड़ गई छाप जब से,...
तेरी मेरी ये प्रीति जुबानी हुई।
जमाने ने ढाहे कितने सितम-दर-सितम,
जब से बैरन हमारी जवानी हुई।
चाय पर चर्चा हमसे वे करते रहे,
प्याली की भी अपनी एक कहानी हुई।
मधुशाला की पड़ गई छाप जब से,...