...

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मेरे पास बचे रहोगे क्या?
क्या तुम मेरे पास सारा जीवन बचे रहोगे
मेरे अवशेष होने के पश्चात भी
नही जानता भाग्य में क्या लिखा है
किंतु आवश्य ही पता है
मैंने पढ़ी है तुम्हारी डायरी
और उसके पन्नों में
स्पष्ट लिखा है
प्रेम मेरा और तुम्हारा
जीवन तुम्हारा और मेरा
मेरी और तुम्हारी असंख्य बातें
छंदों में कविताओं में
अनुभूति होती है
इस लोक की
एक दुर्दांत प्रेम कहानी की।

D EV
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