जीवन की सुबह...
जानते हो....
सुबह की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है
कि यह नवजात शिशु सी
निश्छल और भोली ...!
पुरानी तिथियों की स्मृतियों को
ढांप देती है थोड़ी देर को
जब तक की हम स्वयं उन्हें
न खोज लाएं!!
और मैं चाहूँगी कि सुबह की
पहली किरण के साथ
तुम खोजना...
दूब पर रखी उस
ओस की बूंद में प्रेम को...
नर्म धूप में अपनत्व...
सुबह की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है
कि यह नवजात शिशु सी
निश्छल और भोली ...!
पुरानी तिथियों की स्मृतियों को
ढांप देती है थोड़ी देर को
जब तक की हम स्वयं उन्हें
न खोज लाएं!!
और मैं चाहूँगी कि सुबह की
पहली किरण के साथ
तुम खोजना...
दूब पर रखी उस
ओस की बूंद में प्रेम को...
नर्म धूप में अपनत्व...