खुद को समझने का मौका
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
खुद को खुद के बारे में समझने का मौका दिया ,
अपने सपनों को साकार करने के लिए मैंने ख़ुद को झोंक दिया।
नहीं फर्क पड़ता है किसने मेरा साथ दिया,
मैंने खुद को ही अपना दोस्त बना लिया।
जीवन ने मुझे बहुत कुछ बता दिया,
कभी खुद से लड़ना तो कभी दूसरों से लड़ना सिखा दिया।
— अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —
© Anki
Related Stories