दर्द अपने भुलाता हूं
#TranscendingGrief
तुम ना आए तो क्या कभी चौखट पे मिरि
मैं तो एतवार से तिरि चौखट पे रोज़ आता हूं
याद-ए-एहसास से तिरे जख्म अपने मैं सहलाता हूं
बैठ कर मैं चौखट पे तिरि गमों के अपने मैं भुलाता हूं
© DEEPAK BUNELA
तुम ना आए तो क्या कभी चौखट पे मिरि
मैं तो एतवार से तिरि चौखट पे रोज़ आता हूं
याद-ए-एहसास से तिरे जख्म अपने मैं सहलाता हूं
बैठ कर मैं चौखट पे तिरि गमों के अपने मैं भुलाता हूं
© DEEPAK BUNELA