“खून पोंछती थी, तू नैन से"
जरूरत थी शायद,
तेरी इसलिए,,
खून पोंछती थी,
तू नैन से, इसलिए,,
अब, गिर जाते हैं,
खुद ही फर्श पर, तड़पते हुए,,
उठाना चाहती हो,
नींद से...
तेरी इसलिए,,
खून पोंछती थी,
तू नैन से, इसलिए,,
अब, गिर जाते हैं,
खुद ही फर्श पर, तड़पते हुए,,
उठाना चाहती हो,
नींद से...