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दीदार ए मुहब्बत ❤
मुहब्बत का खुमार छाया है इस कदर
हम ठहर गए वक्त चलता मगर,
न होश न खब़र कोई दिल को मगर
बस बनाए एक ख्वाबों का घर,
दिल मोरे पिया की राह तके मगर
मिल जाए दीदार की एक झलक अगर,
हाय! सोच ही इतना प्यारा है अगर
कैसे सम्भाले दिल को मगर।।
❤❤❤❤❤❤❤❤
हम ठहर गए वक्त चलता मगर,
न होश न खब़र कोई दिल को मगर
बस बनाए एक ख्वाबों का घर,
दिल मोरे पिया की राह तके मगर
मिल जाए दीदार की एक झलक अगर,
हाय! सोच ही इतना प्यारा है अगर
कैसे सम्भाले दिल को मगर।।
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