प्रगति के पथ पर पहला कदम।
सुना है बाजा़र में उसकी लिखी पहली किताब आई है,
उसकी शख्सियत को नयी पहचान देती,
ख़ुशी बेहिसाब लाई है।
साँंझा संकलन से प्रगति कर उसने,
चोला पहना है स्वतंत्र लेखन का,...
उसकी शख्सियत को नयी पहचान देती,
ख़ुशी बेहिसाब लाई है।
साँंझा संकलन से प्रगति कर उसने,
चोला पहना है स्वतंत्र लेखन का,...