स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो किया होगा
उसने कुछ तो स्वीकार किया होगा
ऐसे ही कहां जुड़ पाते है रिश्ते
कई दफ़ा इनकार किया होगा
यूंही तो नहीं कर ली होगी बात उसने
तुम्हारा दिल भी...
उसने कुछ तो स्वीकार किया होगा
ऐसे ही कहां जुड़ पाते है रिश्ते
कई दफ़ा इनकार किया होगा
यूंही तो नहीं कर ली होगी बात उसने
तुम्हारा दिल भी...