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कितनी मोहब्बत है
ना जाने क्यों पर तुम्हें मुस्कुराते देखना अच्छा लगता है
ना जाने क्यों चोट तुम्हें लगती है पर दर्द मुझे होता है
तुम्हारे लिए हर हद को पार करना ना जाने क्यों सही लगता है
हर बार दिलसे एक आवाज आती है कितनी मोहब्बत है
जो कम होने के बजाए बढ़ती रहती है
दुर कितनी भी रह लु तुमसे पर क्यों अपने पास तुम्हें महसूस करती हूं कभी तो तुमसे मैं कहना चाहती हुं
मुझे तुमसे कितनी मोहब्बत है कितनी मोहब्बत है....
© Feeling
ना जाने क्यों चोट तुम्हें लगती है पर दर्द मुझे होता है
तुम्हारे लिए हर हद को पार करना ना जाने क्यों सही लगता है
हर बार दिलसे एक आवाज आती है कितनी मोहब्बत है
जो कम होने के बजाए बढ़ती रहती है
दुर कितनी भी रह लु तुमसे पर क्यों अपने पास तुम्हें महसूस करती हूं कभी तो तुमसे मैं कहना चाहती हुं
मुझे तुमसे कितनी मोहब्बत है कितनी मोहब्बत है....
© Feeling
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