...

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मोहब्बत की मजबूरी
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
उतनी एहम नहीं है पर कुछ बातें तुम्हें बतानी ज़रूरी है
ये सच है कि हम बहुत मजबूर है
और हमने बढायी अपनी दरार है
मेरी जान क्या करे हम हालातों के शिकार है
उतनी एहम नहीं है पर कुछ बातें तुम्हें बतानी ज़रूरी है
मोहब्बत तो हम आज भी सिर्फ़ तुमसे करते हैं
रातको तुम्हें याद कर कर के अपने तकिये भिगोते हैं
आज भी बस तुमसे जुड कर खुद को तन्हा करते हैं
उतनी एहम नहीं है पर कुछ बातें तुम्हें बतानी ज़रूरी है... Raj...

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