...

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शाम ढल गई है, बस मुलाकात बाकी हैं।
शाम ढल गई है, बस मुलाकात बाकी हैं।
तेरे इश्क के रंगों में जो रंग गए हैं,
अब होठों की प्यास बाकी हैं।
छाई है चांदनी जमीं पर, बस तेरे लिए।
बस एक मुलाक़ात हो जाए सनम, मेरे इश्क के लिए।।


आज कितना सुहाना है ये मौका ,
तुझसे मिलने की।
बिछी हैं चारों ओर चमक चांदनी,
वो बाते खेलने की।
बस तेरा इंतज़ार है साथी, चांदनी भरी रातों में।
अब मेरा मन भी जोश से भरा हैं, तेरे हर बातों में।।


अब तो शाम भी घुंघरू बजाती है, मेरे कानों में गुन गुनाकर।
किसलय...