क्या सिर्फ हमे ही सबकुछ छोड़ना होता हैं?
क्या सब कुछ छोड़ना सिर्फ औरत की किस्मत में होता है?
पिता को नहीं पसंद तो वो मनपसंद इंसान को छोड़ देती है।
पति को नहीं पसंद तो वो अपनी नौकरी छोड़ देती है।
ससुराल वालो को नहीं पसंद तो अपनी मर्जी के कपड़े पहनना छोड़ देती है।
अपने हक की बात कर दी, तो हमारी पढ़ाई लिखाई पर सवाल खड़े कर दिए जाते हैं।
कहते है औरत का दिमाग खुटनो में होता पर उसकी एक अदा पर अपना आपा खो देते हैं।
सबके लिए छूट्टी होती पर औरत के लिए हर दिन एक नया इम्तेहान होता है।
हमें हमारी अच्छाई से...
पिता को नहीं पसंद तो वो मनपसंद इंसान को छोड़ देती है।
पति को नहीं पसंद तो वो अपनी नौकरी छोड़ देती है।
ससुराल वालो को नहीं पसंद तो अपनी मर्जी के कपड़े पहनना छोड़ देती है।
अपने हक की बात कर दी, तो हमारी पढ़ाई लिखाई पर सवाल खड़े कर दिए जाते हैं।
कहते है औरत का दिमाग खुटनो में होता पर उसकी एक अदा पर अपना आपा खो देते हैं।
सबके लिए छूट्टी होती पर औरत के लिए हर दिन एक नया इम्तेहान होता है।
हमें हमारी अच्छाई से...