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वी आई पी दर्शन महात्म्य - व्यंग्य
वी आई पी दर्शन महात्म्य - व्यंग्य
नारद जी काशी में भगवान शिव के दर्शन को आये थे ! तो मानव रूप में लाइन में लग गए ! बड़ी भीड़ थी लाइन लम्बी थी ! भीड़ में कुछ महान भक्त बोल रहे थे की आज VIP दर्शन करना ही अच्छा था एक पंडा बगल से निकला तो कुछ उसके साथ VIP दर्शन को चले गये!

नारद जी को बात न पची की भगवान के भी सामने कौन VIP हो सकता है ! वापस आकर कैलाश पहुंचे और प्रभु को अपनी पीड़ा बताई की अब आपसे ज्यादा VIP कौन है प्रभु,

प्रभु मुस्कुराये और बोले - नारद जी सतयुग में कुछ तो कलियुग के कर्म होंगे ही ना, नारद बोले प्रभु येतो कलियुग है आप क्या कह रहे हैं ! प्रभु बोले नारद सतयुग कलियुग कुछ नहीं होता सब मानव के कर्मो से होता है तनिक माया मिलते ही जब मनुष्य अपना धर्म भूल जाता है पिता के सामने खुद को VIP समझने लगता है तब कलियुग आता है ! तुमको क्या लगता है की ये धूर्त मेरे दर्शन करने आते हैं , नहीं ये सब बस दिखावा करते हैं की VIP हैं यदि VIP दर्शन बंद कर दिया जाए तो धूर्त मनुष्य कभी कही दर्शन ना कर पाएंगे ! नारद बोले प्रभु सतयुग का रहस्य समझ नहीं आया, भोलेनाथ फिर मुस्कराये और बोले नारद बहुतेरे भक्त हैं जो घंटो लाइन में लगे हैं और दर्शन करते हैं, मेरी एक झलक पाकर भी खुदको धन्य समझते हैं, क्युकी इनको मै स्वयं देखता हूँ, और जो मुझे नहीं देख पाता उसको मै खुद उचक कर देखता हूँ क्युकी वो VIP नहीं है , ये VIP कलियुग के प्रतीक हैं जिनको आने वाले समय में जब इनकी VIP संतान इनको इनके कर्मों का दर्शन कराएगी तब सब कुकर्म स्वतः दिखाई देंगे इन सबको, जो स्वयं के माता पिता को देखने के लिए रिश्वत दे क्या वो सच्चा पुत्र हो सकता है कभी नहीं !

आज भी वो लोग अधिक हैं जो घंटो लाइन लगकर दर्शन करते हैं तो अभी सतयुग ही समझो नारद , बाकि कलियुगी और धूर्त कौन हैं मैंने बता ही दिया है ! वैसे नारद तुमने तो VIP दर्शन नहीं किये ना, नारद जी बोले प्रभु आपके दर्शन के लिए पूरा जीवन मै तपस्या अथवा लाइन में लगा रहूँगा पर ये दिखावा मुझसे न होगा !!

प्रभु को नमस्कार कर और सतयुग कलियुग और VIP दर्शन का महात्म्य जानकर नारद वापस अपने भ्रमण पर निकल पड़े 😊😊😊
© VIKSMARTY _VIKAS✍🏻✍🏻✍🏻