...

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मातृ शक्ति...
मां का आंचल ओर पिता का दामन महकाती
जब बिटिया बन दुनिया में आती
अपनी किलकारी से घर को सजाती

हो गई बेटी सयानी कह कर हाथ पीले कराती
हाथ थाम वो पति का अर्धांगिनी कहलाती
गृह लक्ष्मी गृहवधू का सम्मान वो पाती

सृष्टि का महान उपक्रम वो मां बन कर निभाती
बिना किसी शिकायत वो सब कुछ सह जाती

उम्र की एक दहलीज पर कहानियों के किरदारों से घर को गूंजाती
तब दादी नानी बन कर वो अपना संसार बसाती...

#writcopoem
#women'sday