...

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तेरी यादें
तेरी यादें न हो तो
मेरा जीना भी मुश्किल है
तेरी यादें हो तो
मेरा मरना भी मुश्किल है।
अजीब कशमकश है
न जीते न मरते है
तेरी यादों मे ही
सोते और जागते है हम।
इसी मोहब्बत के है
मारे सभी
कोई राँझा तो कोई मजनूँ है
तेरी बिंदियां
आँखो का काजल
जुल्फो की आवारगी
पायलों को रूनझुन
सभी मे है दीवानगी ।
मै दीवाना न बनूं तो
क्या हो सकता हूँ
जो तू चाहे स्वीकार मुझे
बस एक छोटी सी चाह मुझे
चाँद उतरे मेरे आँगन
बस आरज़ू यही।


© Rakesh Rahi