बेपनाह प्यार हैं
जैसे राधा का श्याम से,
सीता का राम से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।
जैसे भंवरे को फुलो से,
भगवान् को भक्तो से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।
जैसे मीरा का कान्हा से,
जैसे शिव का पार्वती से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।
जैसे सुर्य को किरण से ओंस को बुंद से।
जैसे बादल को बारिश से,
आंखो को काजल से,
जैसे नयनो का पलको से,
मांग का सिंदूर से,
जैसे पेन का स्याही से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है
© parth
सीता का राम से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।
जैसे भंवरे को फुलो से,
भगवान् को भक्तो से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।
जैसे मीरा का कान्हा से,
जैसे शिव का पार्वती से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।
जैसे सुर्य को किरण से ओंस को बुंद से।
जैसे बादल को बारिश से,
आंखो को काजल से,
जैसे नयनो का पलको से,
मांग का सिंदूर से,
जैसे पेन का स्याही से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है
© parth