सरकारी हस्पताल
आज उन गलियों में गई थी ,
जहां मैं पहली बार रोई थी ।
इस बार थोड़ी सी मुझे वहां निराशा हुई,
क्योंकि वहां की हालत हो चुकी थी काफी खराब सी।
कही मां अपने बीमार बेटे को तो,
कहीं बेटा अपनी मां के इलाज के लिए घूम रहा था।
पर दुख ज्यादा इस बात का था,
कि सब मरीजों को...
जहां मैं पहली बार रोई थी ।
इस बार थोड़ी सी मुझे वहां निराशा हुई,
क्योंकि वहां की हालत हो चुकी थी काफी खराब सी।
कही मां अपने बीमार बेटे को तो,
कहीं बेटा अपनी मां के इलाज के लिए घूम रहा था।
पर दुख ज्यादा इस बात का था,
कि सब मरीजों को...