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bas ek khayal hai ...
यूँ हँसते हुए रहते उदास हैं,
डूबने को जैसे किनारो की तलाश है,
नहीं ढूंढ पाये अब तू,
मेरे असली चेहरे ही हज़ार है,
कोई भी बात अब दिल पर लगती नहीं,
दिल लग जाता पर हर जगह कमाल है,
चिल्लतें हे ख़ामोशी से,
खुदको जगाने में बड़ा बबाल है,
भटक जानें दे सफ़र में कहीं,
मंज़िलों पर धोके बेशुमार है,
उठते ही नहीं हाथ अब दुआओं में "जावेद"
एक ही आरजू तेरी थी जो अब जी का जंजाल है..
© y2j
डूबने को जैसे किनारो की तलाश है,
नहीं ढूंढ पाये अब तू,
मेरे असली चेहरे ही हज़ार है,
कोई भी बात अब दिल पर लगती नहीं,
दिल लग जाता पर हर जगह कमाल है,
चिल्लतें हे ख़ामोशी से,
खुदको जगाने में बड़ा बबाल है,
भटक जानें दे सफ़र में कहीं,
मंज़िलों पर धोके बेशुमार है,
उठते ही नहीं हाथ अब दुआओं में "जावेद"
एक ही आरजू तेरी थी जो अब जी का जंजाल है..
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