अंत है तन्हा तन्हा।।
सब छूट जाते हैं
अंत में तन्हा रह जाता है
घोंसला बनाया था
अरमानों से सजाया था
वक्त ने दिया बना बीहर
रात में काट खाता है
सब छूट जाते हैं
अंत में तन्हा रह जाता है।।।।
यहीं महफिलें थी जमती
मस्ती के दौर चलते थे
यहीं बनता था मै घोड़ा
बच्चे मेरी पीठ चढ़ते थे
ये सूना सूना सा घर
अब मुझको चिढ़ाता...
अंत में तन्हा रह जाता है
घोंसला बनाया था
अरमानों से सजाया था
वक्त ने दिया बना बीहर
रात में काट खाता है
सब छूट जाते हैं
अंत में तन्हा रह जाता है।।।।
यहीं महफिलें थी जमती
मस्ती के दौर चलते थे
यहीं बनता था मै घोड़ा
बच्चे मेरी पीठ चढ़ते थे
ये सूना सूना सा घर
अब मुझको चिढ़ाता...