बातों की लड़ी
कुछ बातों की लड़ी उसने यूं लगाईं
ना हो पाई जो पूरी वो बातें यूं बनाई
कुछ ना मेरी सुनी बस अपनी सुनाई
बिन बनाए बैरी ने मजबूत कड़ी बनाई
क्या करे उन अधूरी...
ना हो पाई जो पूरी वो बातें यूं बनाई
कुछ ना मेरी सुनी बस अपनी सुनाई
बिन बनाए बैरी ने मजबूत कड़ी बनाई
क्या करे उन अधूरी...