मै महाकाल हूं....
मेरा कोई आकार नहीं, मैं निराकार हूँ मैं देव नहीं,मैं तो महाँकाल हूँ।
पाप का मैं संहार हूं, पुण्य का मैं उपहार हूँ
मैं एक नहीं चारों दिशाओं में विद्यमान हूँ,
मैं देव नहीं, मैं सर्वशक्तिमान हूँ।
धर्म का मैं आदि अधर्म का...
पाप का मैं संहार हूं, पुण्य का मैं उपहार हूँ
मैं एक नहीं चारों दिशाओं में विद्यमान हूँ,
मैं देव नहीं, मैं सर्वशक्तिमान हूँ।
धर्म का मैं आदि अधर्म का...