...

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हसरतों के दाग….
अभी
रात का अंधेरा
ढला भी नहीं
की तुम्हारी यादों ने फिर से
ज़हन को इस कदर घेर लिया

मानो
मैं कोई ज़िंदा जज़्बात ना होकर
तुम्हारी रूह का हम साया हूँ कोई

तुम मिरे जहन में यूँ
छप सी गई हो
जैसे
पिछले कई जन्मों की
अधूरी हसरत हो कोई

तिरी यादों के आग़ोश में
इस कदर तड़प उठता हूँ मैं
जैसे कोई पतंगा
जल रहा हो किसी
आतिश की पनाह में ….


#रात_अधूरी_है
#फ़ीनिक्सपुनर्जन्म
© theglassmates_quote