...

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नहीं है....
तू था कभी, ख्वाबों ख्यालों मे ,
पर अब सवालों मे भी नहीं है,

तू कभी अहसासों मे होता था,
पर तू अब कहीं भी नहीं है,

अश्को मे हुआ करता था,
पर यकीन अब तू ख्वाबों मे भी नहीं है,

हर पल तू नजरो में हुआ करता था
मगर अब फिलहाल ईन दिनों
तू नजरो मे भी नहीं है,

हुआ कर ता था तू ,रातों की नींद मेरी
सुबह का सवेरा मेरा,
मगर अब कहीं अंधेरों उजालों मे भी नहीं है,

साया था तू एक मेरा,
मगर कहीं अब सायों मे भी नहीं है ,

दिल की धड़कन था तू मेरी,
मगर अब मेरी नब्ज़ मे भी नहीं है

मिटा दिया है तेरा हर अक्श
तू अब कहीं भी नहीं है,

नहीं है कहीं भी नहीं है..