6 views
उसका काजल..
वो फ़िर लगाने लगी है आँखों में
उसका काजल..
वो फ़िर जीने लगी है
ज़िन्दगी उसकी..
उसे फ़िर ऐतबार हुआ है खुद पर
उसे प्यार हुआ है अब खुद से..
उसने छोड़ दिया था उसका काजल
उसने छोड़ दिया था खुद का दामन..
उसे खुद की फ़िर याद आई है
उसने फ़िर खुद से दोस्ती रचाई है..
उसने फ़िर खुद को सजाया है
उसने आज फ़िर उसका काजल लगाया है..
© K_khan_lines ..KK.. ✍
उसका काजल..
वो फ़िर जीने लगी है
ज़िन्दगी उसकी..
उसे फ़िर ऐतबार हुआ है खुद पर
उसे प्यार हुआ है अब खुद से..
उसने छोड़ दिया था उसका काजल
उसने छोड़ दिया था खुद का दामन..
उसे खुद की फ़िर याद आई है
उसने फ़िर खुद से दोस्ती रचाई है..
उसने फ़िर खुद को सजाया है
उसने आज फ़िर उसका काजल लगाया है..
© K_khan_lines ..KK.. ✍
Related Stories
5 Likes
0
Comments
5 Likes
0
Comments