...

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कान्हा की राधिका.......
अलग होकर भी वो साथ हैं ,
जिस्म से जुदा पर रूह से पास हैं।
नही हो पाया इनका मिलन,
पर आत्मा से ये एक दूजे के है हरदम ।
इनके प्रेम की भी क्या परिभाषा हैं,
रूह में बसे पर साथ न रह सके।
प्रेम किया पर विवाह के बंधन में बंध न सके,
एक दूजे के होकर भी ये अलग हो गए पर इनकी प्रेम कहानी तो देखो आज भी कृष्ण के नाम से पहले राधा हैं।
राधा कृष्ण की अमर प्रेम कहानी जो जिस्म से तो जुदा पर दिल से एक हैं,
दूर होकर भी ये आत्मा से एक हैं।
कृष्ण के जीवन में सिर्फ राधा ही हैं बसी
चोट लगे कृष्ण को तो घाव राधे को हो जाता हैं।
हैं अनोखा प्रेम का बंधन इनका,
जिसका न कोई आदि न अंत नजर आता हैं।
बस प्रेम ही प्रेम इनका आदि से अनंत हमें नजर आता हैं।


© Pooja Sharma (Janu)