काश कभी ऐसा होता
काश कभी ऐसा होता पाता
ये जो रिश्ता ता है हम दोनो का,
उसमे मै न होके हम हो जाता,
तुम तुम न होते, मै मै न होती,
दोनों हम हो जाते।
मुक्कदर ने जो साथ लिख दिया,
है हम दोनों का, उसे हम भी
कभी साथ हो निभा पाते,
साथ में हस्ते रोते साथ मे,
एक दूजे के हर गम अपना बना...
ये जो रिश्ता ता है हम दोनो का,
उसमे मै न होके हम हो जाता,
तुम तुम न होते, मै मै न होती,
दोनों हम हो जाते।
मुक्कदर ने जो साथ लिख दिया,
है हम दोनों का, उसे हम भी
कभी साथ हो निभा पाते,
साथ में हस्ते रोते साथ मे,
एक दूजे के हर गम अपना बना...