...

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काश कभी ऐसा होता
काश कभी ऐसा होता पाता
ये जो रिश्ता ता है हम दोनो का,
उसमे मै न होके हम हो जाता,
तुम तुम न होते, मै मै न होती,
दोनों हम हो जाते।

मुक्कदर ने जो साथ लिख दिया,
है हम दोनों का, उसे हम भी
कभी साथ हो निभा पाते,
साथ में हस्ते रोते साथ मे,
एक दूजे के हर गम अपना बना पाते
काश हम दोनों भी कभी एक हो पाते।

साथ मे होकर भी है हम दूर कितने,
आँसू गिरते ही आँखों से मेरे,
आपके होठो पे हँसी आ जाती है,
ये अगर प्यार है तो मेरे खुदा,
इस प्यार से नफरत ही हमे प्यारी है,
दर्द है हमसफर का दिया ऐसा तोहफा, वक़्त के साथ गहरा हुआ जाता है।

दिल के इस दर्द को सहते सहते,
बस एक यही ख्याल आता है,
काश की दुख से खुद को बचा पाते,
जो कभी हम दोनों साथ न जुड़ पाते।


© Life is beautiful