...

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लोट आओ ना...
की कभी आँखों मैं आँशु लेकर तुम लोट आओ ना...
मैं हो चूका हूँ बेसहारा तुम लोट आओ ना...
वादे किये थे तुमने के ये इश्क़ हरदम कायम रहेगा...
हरदम ये इश्क़ पहले से भी ज्यादा मिलेगा...
हमारे मोहोब्बत को तुमने ख़ुशी का नाम दिया था...
मेरी बेरंग सी ज़िन्दगी को तुमने टीमने रंगों का अंजाम दिया था...
केहना तुम्हारा की तुम्हारी ज़िंदगी मैं हूँ...
तुम्हारी हसीं तुम्हारी ख़ुशी मैं हूँ...
फिर क्या हुआ ऐसा की मुझसे इत्ती नफरत हो गयी....
मेरी सकल तो क्या तुम्हे तो मेरे नाम से भी घृणा हो गयी...
क्या गुनाह किया था मैंने जो मुझे ये सजा मिले है...
रास्ता शिद्दत से निभाया था हमने पुर हमें ही देगा मिली है...
क्या कसूर था मेरा जो तुम मुझे छोड़ गयी...
साथ निभाने की सारी कस्मे सारे वादे तुम तोड़ गयी...
क्या हूँ फिर तुम्हारी बात को की मैं ही सिर्फ तुम्हारा रहूँगा...
नया आशिक ढूंढ लिया तुमने मैं पर तो बस बेसहारा रहूँगा...
तुझसे किया था वादा साथ ज़िन्दगी निभाने का...
ज़हर भी नहु पिया जाता क्योंकि साथ खाई थी हमने कसम मरने का...
मर तो गया हूँ मैं वैसे बस सांसे चाहिए रही है...
मेरी जान की किसी गैर की बाहो मैं तुम वही वादे कर रही है...
जो कस्मे तुम मुझे दिया करती थी मुझे सुधारने के लिए...
आज किसी गैर को तुम वही कस्मे दे रही हो मूझे ही मारने के लिए...
अच्छा तुम एक काम करो तुम ही मुझे मार दो...
ले लो खंजर और मेरे सीने मैं उतार दो...
निकल लो ये दिल मेरे सीने से जो सायद तुम्हारा रेह गय...
मिटा दो ये सारी यादे जो तुम्हारा एहसास बन के मेरे पास रेह गया...
एक काम करो मेरे जिस्म से ये सारा लहू निकाल लो...
दो कर इस्से अपने जुल्फे फिर उनको सवार लो...
तुमने समझा मुझे बेवफा पर मेरे हालातो का ना समझा...
इश्क़ था तुमसे बेपनाह पर तुमने मेरी जस्बातो को ना समझा...
मेरे जाने के बाद इस दुनिया से तुम भी मुझे आवारा ना समझना....
कोई पागलो की तरह चाहता था तुम्हे पर उसे तुम गवारा ना समझना...
चाहते तो हम भी कर सकते थे दूसरी मोहोब्बत कोई...
पर हमने तुम्हारे सिवा किसी और को अपना सहारा ना समझा...
अब तुम मेरे पास नहीं हो पर तुम्हारी यादे मेरे पास है...
गुजरे थे जो हसीन लम्हे साथ मैं अब बस उनका ही एहसास है...
तुम्हारे सिवा इस दिल को कोई और भाता ही नहीं...
आना चाहते है यह तो बोहोत से लोग मेरे करीब पर मैं किसी के करीब जाता नहीं....
तुम्हारी सारी बाते आज भी बड़े अच्छे से याद है मुझे...
तुम्हारी हर कसमो का आज भी बड़े अच्छे से एहसास है मुझे...
ये पढ़ कर तुम ये ना सोचना की तुम्हारे बिना रेह नहीं पाए हम...
तुमसे जुदा होने का गम सेह नहीं पाए हम...
यु तो ना जाने कितने लोगे खाश हुए...
ना जाने कितने लोगो का एहसास हुए...
की कभी आँखों मैं आँशु लेकर यौम लोट आओ ना....
माई हो चूका हूँ बेसहारा तुम लोट आओ ना....
© Alone_me