जान निसार हे मेरे यार पर
वो मुहब्बत ही क्या जो
अपने मेहबूब की खुशियां ना देख सके
वो प्रेमिका ही क्या जो अपने
प्रेमी को समझ ना सके
प्यार खुबसूरत इंसान से नही ...
अपने मेहबूब की खुशियां ना देख सके
वो प्रेमिका ही क्या जो अपने
प्रेमी को समझ ना सके
प्यार खुबसूरत इंसान से नही ...