गाँव की यादे
गाँव की मिटटी की वो खुशबू याद आती है,
सुबह की वो गरम चाय याद आती है,
खेत पर जाना, पेडो पर चढ़ना,
काका के खेतो से अमरूद चुरा कर खाना,
नाना जी की वो मीठी डाँट याद आती है,
नानी से थोडी ज्यादा मलाई...
सुबह की वो गरम चाय याद आती है,
खेत पर जाना, पेडो पर चढ़ना,
काका के खेतो से अमरूद चुरा कर खाना,
नाना जी की वो मीठी डाँट याद आती है,
नानी से थोडी ज्यादा मलाई...