...

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चौदह फरवरी
दिनांक चौदह, फरवरी महीना
जब -जब प्रति वर्ष आती है
तब -तब लोगों के मन में
प्रेम रस की लहर उठ जाती हैं |

पर ,
किसी के लिए ये प्रेम पर्व
तो किसी के लिए हैं शोक
क्योंकि इसी दिवस पुलवामा में
कई सैनिक चल गये परलोक |

अब उठती हैं ये बात, कहो
क्या नाता था उनसे हमारा
जिसके लिए थे तैनात ?
जनता की रक्षा के बदले
मिली शहीद होने की सौगात|

हमारा भी ये फ़र्ज़ हैं बनता
करे देश के लिए कुछ ऐसा
जिससे ,उनकी रूह कहे सीने ठोककर
तू भी हमारे जैसा |

अतः
याद करो, उन चालीस शेरों को
और लेलो तुम ये प्रण ,
कि लड़ोगे ना धर्म ,भाषा नाम से
हमेशा करोगे सही कर्म |






© अविनाश कुमार साह
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