"बहस-कैसी....??"
थी,
जैसे जलानी,
वैसे,
जला-दी हमने
"ये-ज़िंदगी"
"राखो" पर "ये-ऐतराज़" कैसा
उठे "इन-धुओ" पर "बहस-कैसी....??"
© Mr John
A your quote writter
Instagram id mr_vinay_rauniyar
जैसे जलानी,
वैसे,
जला-दी हमने
"ये-ज़िंदगी"
"राखो" पर "ये-ऐतराज़" कैसा
उठे "इन-धुओ" पर "बहस-कैसी....??"
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