शिक्षक
शिक्षक दिवस पर विशेष
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मां नींव रखती है, गुरु नींव को सींचता है,
पिता बिखेरता है मोती,गुरु उन्हें बीनता है,
गुरु सा धैर्यवान दूसरा कोई नहीं संसार में,
गुरु सिखाता है तरक्की,संसार खींचता है।
पिता पंख देता है,गुरु पसारना सिखाता है,
पिता बताता है राह, गुरु दिशा दिखाता है,
गुरु का स्थान ईश्वर से भी पहले क्यों है..?
क्योंकि पिता पुत्र किंतु गुरु...
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मां नींव रखती है, गुरु नींव को सींचता है,
पिता बिखेरता है मोती,गुरु उन्हें बीनता है,
गुरु सा धैर्यवान दूसरा कोई नहीं संसार में,
गुरु सिखाता है तरक्की,संसार खींचता है।
पिता पंख देता है,गुरु पसारना सिखाता है,
पिता बताता है राह, गुरु दिशा दिखाता है,
गुरु का स्थान ईश्वर से भी पहले क्यों है..?
क्योंकि पिता पुत्र किंतु गुरु...