...

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तेरा ख्याल आया है...!!
आज फिर एक ख्याल आया है,
उसमें भी तेरा ही जिक्र आया हैं,

ना जाने क्यों हैं ये बेचैनी सी इन साँसों में,
हवाओं ने भी इन पर तेरा पहरा लगाया हैं

ये दिल तेरी आंखों का कामिल हैं,
तू ही तो इस दिल का कातिल हैं

इश्क़-ए-सफऱ है तू मेरा जिसकी मैैैं मुसाफिर हूूूं ,
सफ़र भी खूबसूरत हो गया जब पता चला मंज़िल इसकी तू ही है

अंजाना सा तू एक एहसास है पर अब इस
दिल के लिए ना जाने क्यूं तू इतना खास है,

दुनिया की फ़िक्र किसे जब तू मेरे साथ है,
थाम ले जो तू हाथ मेरा दुनिया से मैैैं टकरा जाऊं
,
ये ख्वाब बड़ा हसीन हैं तेरे जिक्र से ही मेरी दुनिया रंगीन है,
फ़िज़ाओं में भी बाहर है,
लगता है इन्हें भी मेरी तरह तेरा ही इंतज़ार है

आज फिर एक ख्याल आया है उसमें भी तेरा ही जिक्र आया है

© preet_90aii💞