" रंज..."
" हसरतों को कांधा दे आया हूँ मैं,
ख़्वाबों को भी रौंद आया हूँ मैं...
भीड़ जो बढ़ी, रंज-ए-महफ़िल में,
मयकदे से...
ख़्वाबों को भी रौंद आया हूँ मैं...
भीड़ जो बढ़ी, रंज-ए-महफ़िल में,
मयकदे से...