...

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एहसास
मेरे हाथ में जैसे ही रखता है वह अपना हाथ !
तन हो जाता विचलितऔर मन छोड़ देता साथ !!

उसके हाथों की नाजुक हथेलियों का एहसास !
जगा रहा प्यार की उम्मीदों में एक नव आभास !!

यह कशिश यूँ ही तो नहीं होगी ,कोई तो बात है !
उन ऑंखों में ही तो छिपा बेचैन दिल का राज़ है !!


© MaheshKumar Sharma
21/3/2023

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