#Dost
शाम होते ही मेरा दिल उदास होता है,
टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है,
तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है,
जब कोई बन्दर आस-पास होता है।
खयाल को आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की तलाश रहती है,
तेरे बिन कोई कमी नहीं है ऐ दोस्त,
बस गली वाली जमादारनी उदास रहती है।
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई,
जब-जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आई,
भाई तूने मेरी छतरी क्यूँ नहीं लौटाई।
© rahulchopra1120
#WritcoQuote #writco #poem #rahulchopra1120 #Shayari
टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है,
तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है,
जब कोई बन्दर आस-पास होता है।
खयाल को आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की तलाश रहती है,
तेरे बिन कोई कमी नहीं है ऐ दोस्त,
बस गली वाली जमादारनी उदास रहती है।
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई,
जब-जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आई,
भाई तूने मेरी छतरी क्यूँ नहीं लौटाई।
© rahulchopra1120
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