...

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#Dost
शाम होते ही मेरा दिल उदास होता है,

टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है,

तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है,

जब कोई बन्दर आस-पास होता है।

खयाल को आहट की आस रहती है,

निगाह को किसी सूरत की तलाश रहती है,

तेरे बिन कोई कमी नहीं है ऐ दोस्त,

बस गली वाली जमादारनी उदास रहती है।

जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,

जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई,

जब-जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आई,

भाई तूने मेरी छतरी क्यूँ नहीं लौटाई।


© rahulchopra1120

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