...

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बिखरना
एक ही पल में,
सपनों का गढ़ना,
और गढ़ के बिखर जाना,
सफलता के सीढ़िया चढ़ते जाना,
और अंतिम पायदान पर फिसल जाना,
ख्वाबों का टूट जाना,
जश्न का धूमिल हो जाना,
अंदर से बाहर तक,
सब कुछ एकाएक रूक जाना,
आंखे खुली हैं ,
फिर भी कुछ न दिखना,
एक दम स्तब्ध होना जाना,
सब कुछ ठहर सा जाना,
अंदर एक खालीपन सा हो जाना,
और आंखों का बंद हो जाना,
एक बेहोशी के गहरी नींद के बाद,
आंखो का खुलना,
दुनियां में एक नए ,
जीवन के जैसा ही होता हैं।
सब कुछ अंदर तक,
खाली, सरल, और शांत।